दिल में अरमान बहुत बाकी हैं, सपनों की उङान अभी बाकी हैं। अब शुरू किया मैंने मेरा कारवान, भीड़ में पहचान बनाना अभी बाकी हैं। छोड़कर अपने सपने हजार, सम्भाला अपना घर संसार, उन अधूरे सपनो को, देना आकार अभी बाकी हैं।पंख फहरा दिए अब मैंने, कर रहीं हुं उड़ान …
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